हवस की राह चलते है, मुहब्बत कौन करता है, फरेबी ज़िन्दगी में आज चाहत कौन करता है गरीबों के नसीबों में... हवस की राह चलते है, मुहब्बत कौन करता है, फरेबी ज़िन्दगी में आज चाहत कौन करता है ...
गली मोहल्ले को छोड़, तूने तो खुदा को ही बाँट दिया। गली मोहल्ले को छोड़, तूने तो खुदा को ही बाँट दिया।
मज़हब के नाम पे तूने सब बदल दिया। मज़हब के नाम पे तूने सब बदल दिया।
इंसानियत की बाते तो हर चौराहे होती है दिल ही दिल में अपना ही धर्म रटे है लोग ! इंसानियत की बाते तो हर चौराहे होती है दिल ही दिल में अपना ही धर्म रटे है लोग !
ईश्वर, अल्लाह, हैं दोनो हैरान था मज़हब बनाया या इंसान...? ईश्वर, अल्लाह, हैं दोनो हैरान था मज़हब बनाया या इंसान...?
स्पंदन श्वाँसों का तुम ही मेरे जीवन की प्रत्याशा हो। रसिया छलिया लिलहारी सखा तुम ग्वालिन गोप की आशा... स्पंदन श्वाँसों का तुम ही मेरे जीवन की प्रत्याशा हो। रसिया छलिया लिलहारी सखा तु...